गुनाह बख़्श दिये जायेंगे। Gunah baksh diye jayege.

Gunah baksh diye jayege
हज़रत उसमान (र.अ)से रिवायत है कि नबी करीम(स.व)फ़रमाते हैं कि जिसने कामिल वुजू किया फिर नमाज़े फ़र्ज़ के लिये चला और इमाम के साथ बाजमाअत नमाज़ अदा की उसके गुनाह ...
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एक कफ़न चोर का वाक्या।Ek kafan chor ka waqia.

Ek kafan chor ka waqia
एक गांव में एक औरत रहा करती थी। वह पाबन्दी से पांचो वक़्त की नमाज़ पढ़ती थी, और मोहल्ले वालो को दीन की बातें बताया करती थी। एक दिन वह ...
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हज़रत आइशा रजि० पर तोहमत। Hazrat ayesha (r.a) par tohmat.

इत्तिफ़ाक़ से हज़रत आइशा हाजत पूरी करने के लिए नखलिस्तान से बाहर गयी हुई थीं। वह एक टीले की आड़ में बैठी फ़ौज को कूच करते हुए देख रही थीं,उस ...
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कुरआन मजीद सच्ची किताब है।Quraan majeed sachchi kitaab hai.

कुरआन मजीद सच्ची किताब है,इस किताब को नाज़िल करने वाला ख़ुद परवदिगार है। अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त अपने बारे में इर्शाद फ़रमाते हैं उससे ज़्यादा सच्ची बात भला किस की हो ...
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मोमिन की कब्र और असल ज़िन्दगी। Momin ki kabr aur asal zindagi

हदीसों को पढ़ने से साफ़ मालूम होता है कि मरने वाले को देखने में हम भले ही मुर्दा समझते हैं लेकिन सच तो यह है कि वह ज़िंदा होता है। ...
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बड़ी बच्चियों के लिए खास हिदायात।Badi bachchiyon ke liye khas hidayat.

बड़ी बच्चियाँ अपना ख़ूब ख़याल रखें यानी साफ सुथरी रहें, कपड़ा मैला कुचैला न पहनें, बाल संवार कर रखें और दीगर तरीक़े से भी सफाई सुथराई का ख़याल रखें। इस ...
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हज़रत मरियम अलैहिस्सलाम का वाक्या।Hazrat mariyam Alehissalam ka waqia.

हज़रत मरयम किसी की बीवी नहीं हैं। हां एक पैग़म्बर की मां हैं। हज़रत मरयम अलैहस्सलाम के वालिद इमरान और जकरिया अलैहिस्सलाम दोनों हम जुल्फ़ थे। इमरान की बीवी का ...
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मस्जिदे अक्सा के बारे कुछ खास बातें।Masjide aqsa ke bare me kuch khas baten.

इस मस्जिद के वैसे तो कई नाम हैं लेकिन उन में सब से मशहूर वो नाम हैं जो क़ुरान और हदीस में आये हैं यानि मस्जिदे अक्सा और दूसरा नाम ...
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अल्लाह वालों की ख़शियत।Allah walo ki khasiyat

अल्लाह वालों का ख़ौफ़ कुछ और तरह का होता है। उनको तकलीफें तो छोटी नज़र आती हैं। उनके दिल में एक बड़ी ग़मनाक कैफियत यह होती है कि अगर गुनाह ...
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एक मोमिन के लिए सोचने वाली बात। Ek Momin ke liye Sochne wali Baat.

Ek Momin ke liye Sochne wali Baat.
  यहाँ एक नुक्ता समझने का यह है कि जो परवर्दिगार दूसरों की नाराज़गी को बरदाश्त नहीं करता, वह अगर खुद किसी बात पर नाराज़ हो तो उसको कैसे बरदाश्त ...
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