एक खूबसूरत तदबीर।Ek khoobsurat Tadbeer.

Ek khubsurat tabeer
खलीफा मनसूर अपने शहर में एक जगह बैठे थे की आप ने एक ग़मगीन और परेशान हाल शख़्स को वहाँ से गुज़रते हुए देखा। खलीफा ने अपने ख़ादिम को हुक्म ...
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मदीना का पहला जुम्आ।Madina ka pahla juma.

Madina ka pahla juma
12 / रबीउल अव्वल 1 हि० को जुमुआ का दिन था, नबी सल्ल0 कुबा से सवार होकर बनी सालिम के घरों तक पहुंचे कि जुमुआ का वक़्त हो गया, यहां ...
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हज़रत उमर फारूक रज़ि० की हालत ।Hazrat Umar faroq ki Halat.

Hazrat umar farooq ki halat
हज़रत उमर रज़ि० बसा औकात एक तिनका हाथ में लेते और फ़र्माते, काश, मैं यह तिनका होता, कभी फ़र्माते, काश, मुझे मेरी माँ ने जना ही न होता । एक ...
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वलीमें का दावत कभी इन्कार मत करना।Walime ka Dawat kabhi inkar mat karna.

Walime ka Dawat kabhi inkar mat karna.
वलीमा करना सुन्नते मौकेदाह हैं । जान बुझ कर वलीमा न करने वाला सख्त गुनाहगार है।(कीम्या-ए-सआदत, सफा नं. 2611) वलीमा येह है कि सुहाग रात की सुबह को अपने दोस्तों, ...
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हमबिस्तरी करने से पहले ख़ुशबू का इस्तेमाल।Hambistari karne se pahle Khushbu ka istemal.

Hambistari karne se pehle khushbu lagana
सोहबत (हमबिस्तरी) से पहले खुशबू लगाना बेहतर है। खुशबू सरकारे मदीना सल्लल्लाहो तआला अलैहि व सल्लम को बहुत पसंद थी । आप (स.व)हमेशा ख़ुशबू का इस्तेमाल किया करते थे ताकि ...
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हमबिस्तरी के चन्द आदाब।Hambistari ke chand Aadab.

Hambistari ke chand adaab
मज़हबे इस्लाम हमारी हर जगह हर हाल में रहनुमाई करता हुआ नज़र आता है यहाँ तक कि मियाँ, बीवी, के आपसी तअल्लुकात में भी एक बेहतरीन दोस्त व रहनुमा बन ...
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हमबिस्तरी के दौरान शर्मगाह देखना।Hambistari ke Dauran Sharmgah dekhna.

Hambistari ke dauran sharmgah dekhna
मसअला :- मियाँ बीवी का सोहबत के वक्त एक दूसरे की शर्मगाह को मस करना बेशक जाइज़ है बल्कि नेक नियत से हो तो मुस्तहब व सवाब है” ।(फतावा-ए-रज़वीया जिल्द ...
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हमबिस्तरी के दौरान किसी और का ख़्याल ।Hambistari ke Dauran kisi aur ka khayal.

Hambistari ke dauran kisi aur ka khayal
सोहबत के दौरान मर्द किसी दूसरी औरत का और औरत किसी दूसरे मर्द का ख़्याल न लाऐं। यानी ऐसा न हो कि मर्द सोहबत तो करे अपनी बीवी से और ...
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ज़्यादा सोहबत (हमबिस्तरी) नुक़सानदेह ।Ziyada Sohbat(Hambistari)Nuqsandeh.

Ziyada hambistari nuqsandeh
बीवी से ज़िन्दगी में एक मरतबा सोहबत करना कज़ाअन वाजिब है और हुक्म येह है कि औरत से सोहबत कभी कभी करता रहे । इस के लिए कोई हद (तअदाद ...
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सुहागरात के चन्द आदाब ,एक बहोत बड़ी गलत फहमी।Suhaagrat ke chand Aadab ek bahot badi galat fahmi.

Suhagrat ke chand adaab ek bahot badi Galatfahmi
जब दूल्हा, दुल्हन कमरे में जाए और तन्हाई हो तो बेहतर येह हैं कि, सब से पहले दुल्हन, दूल्हा दोनों वुजू कर ले और फिर जानमाज़ या कोई पाक कपड़ा ...
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