एक खूबसूरत तदबीर।Ek khoobsurat Tadbeer.
खलीफा मनसूर अपने शहर में एक जगह बैठे थे की आप ने एक ग़मगीन और परेशान हाल शख़्स को वहाँ से गुज़रते हुए देखा। खलीफा ने अपने ख़ादिम को हुक्म ...
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वलीमें का दावत कभी इन्कार मत करना।Walime ka Dawat kabhi inkar mat karna.
वलीमा करना सुन्नते मौकेदाह हैं । जान बुझ कर वलीमा न करने वाला सख्त गुनाहगार है।(कीम्या-ए-सआदत, सफा नं. 2611) वलीमा येह है कि सुहाग रात की सुबह को अपने दोस्तों, ...
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हमबिस्तरी करने से पहले ख़ुशबू का इस्तेमाल।Hambistari karne se pahle Khushbu ka istemal.
सोहबत (हमबिस्तरी) से पहले खुशबू लगाना बेहतर है। खुशबू सरकारे मदीना सल्लल्लाहो तआला अलैहि व सल्लम को बहुत पसंद थी । आप (स.व)हमेशा ख़ुशबू का इस्तेमाल किया करते थे ताकि ...
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हमबिस्तरी के चन्द आदाब।Hambistari ke chand Aadab.
मज़हबे इस्लाम हमारी हर जगह हर हाल में रहनुमाई करता हुआ नज़र आता है यहाँ तक कि मियाँ, बीवी, के आपसी तअल्लुकात में भी एक बेहतरीन दोस्त व रहनुमा बन ...
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हमबिस्तरी के दौरान शर्मगाह देखना।Hambistari ke Dauran Sharmgah dekhna.
मसअला :- मियाँ बीवी का सोहबत के वक्त एक दूसरे की शर्मगाह को मस करना बेशक जाइज़ है बल्कि नेक नियत से हो तो मुस्तहब व सवाब है” ।(फतावा-ए-रज़वीया जिल्द ...
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हमबिस्तरी के दौरान किसी और का ख़्याल ।Hambistari ke Dauran kisi aur ka khayal.
सोहबत के दौरान मर्द किसी दूसरी औरत का और औरत किसी दूसरे मर्द का ख़्याल न लाऐं। यानी ऐसा न हो कि मर्द सोहबत तो करे अपनी बीवी से और ...
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ज़्यादा सोहबत (हमबिस्तरी) नुक़सानदेह ।Ziyada Sohbat(Hambistari)Nuqsandeh.
बीवी से ज़िन्दगी में एक मरतबा सोहबत करना कज़ाअन वाजिब है और हुक्म येह है कि औरत से सोहबत कभी कभी करता रहे । इस के लिए कोई हद (तअदाद ...
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सुहागरात के चन्द आदाब ,एक बहोत बड़ी गलत फहमी।Suhaagrat ke chand Aadab ek bahot badi galat fahmi.
जब दूल्हा, दुल्हन कमरे में जाए और तन्हाई हो तो बेहतर येह हैं कि, सब से पहले दुल्हन, दूल्हा दोनों वुजू कर ले और फिर जानमाज़ या कोई पाक कपड़ा ...
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