हज के अरकान, वाजिबात और सुन्नतें।Hajj ke Arkan Wajibat aur Sunnaten

हज के अरकान वाजिबात और सुन्नतें। 20250418 234727 0000

हज के अरकान :- हज के चार अरकान है। (1) एहराम (2) वकूफे अरफात (3) तवाफे ज़ियारत (4) सई (बैन सफा व मरवा) अगर किसी ने इन अरकान में से किसी एक रूक्न को तर्क कर दिया तो उसका हज न होगा और न किसी किस्म की कुरबानी देने से उसकी तलाफी होगी और उसी … Read more

हज के मसाइल।Hajj ke Masail

हज के मसाइल। 20250416 135527 0000

अगर वक़्त में गुंजाइश हो और यौमे अरफा से कुछ दिन पहले मक्का में दाखिल होने का इमकान हो तो मुस्तहब है कि खूब अच्छी तरह गुस्ल करके मक्का के बालाई जानिब से दाखिल हो जब मस्जिदे हराम पर पहुंचे तो बाबे बनी शैबा से हरम के अन्दर दाखिल हो और खानए काबा जब नज़र … Read more

मुसलमान से बात-चीत छोड़ देना और ताल्लुक़ात ख़त्म कर लेना।Stop talking to Muslims and end relations.

मुसलमान से बात चीत छोड़ देना और ताल्लुक़ात ख़त्म कर लेना। 20250319 235740 0000

हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की मोहतरम बीवी हज़रत आइशा रज़ियल्लाहु अन्हा के मांज़ाद भाई हज़रत तुफैल के बेटे हज़रत ओफ़ रज़ियल्लाहु अन्हु फ़रमाते हैं कि हज़रत आइशा रज़ियल्लाहु अन्हा ने कुछ बेचा या कुछ हदिया में दिया, तो उनको पता चला कि उनके भांजे हज़रत अब्दुल्लाह बिन जुबैर रज़ियल्लाहु अन्हुमा ने उस पर यह … Read more

रिश्तों का जोड़ना और काटना।Rishton ka Jodna aur katna.

रिश्तों का जोड़ना और काटना। 20250318 230111 0000

हज़रत इब्ने अब्बास रज़ियल्लाहु अन्हुमा फ़रमाते हैं कि एक बार नुबूवत से पहले कुरैश बड़े अकाल के शिकार हो गए, यहां तक कि उन्हें पुरानी हड्डियां तक खानी पड़ीं और उस वक़्त हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम और हज़रत अब्बास बिन अब्दुल मुत्तलिब रज़ियल्लाहु अन्हु से ज़्यादा खुशहाल कुरैश में कोई नहीं था। हुजूर सल्लल्लाहु … Read more

आम बीमारियों पर सब्र करना। Aam Bimariyon par Sabr Karna.

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सय्यिदिना हज़रत मुहम्मद रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का सब्र :- हज़रत अबू सईद रज़ियल्लाहु अन्हु फ़रमाते हैं कि मैं हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की खिदमत में गया। हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को बुखार चढ़ा हुआ था। आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने एक चादर ओढ़ी हुई थी। मैंने चादर के ऊपर से हाथ रखा … Read more

रमज़ानुल मुबारक की आख़री शब कैसे गुज़ारें?How to spend the last night of Ramzanul Mubarak?

रमज़ानुल मुबारक की आख़री शब कैसे गुज़ारें 20250308 230224 0000

माहे रमजानुल मुबारक में हम रोज़ा रखते हैं, नवाफिल पढ़ते हैं, तरावीह का एहतेमाम करते हैं, कुरआन मुकद्दस की तिलावत करते हैं, गरीबों की मदद करते हैं, रोजादारों को इफ्तारी कराते हैं, अपने एहल व अवाल पर खूब दिल खोल कर खर्च करते हैं। यकीनन! इन आमाल में बेहद सवाब और बेशुमार फवाइद हैं लेकिन … Read more

ईदुल फित्र का बयान।Eid al-Fitr ka bayan.

ईदुल फित्र का बयान। 20250308 002054 0000

      हमारा ख्याल यह है कि इसमें सिर्फ हमें दो रकअत नमाज़ अदा करने के बाद घूम फिर के और फुजूल कामों में उसे गुज़ार देना है, हत्ता कि बाज़ नौजवान दोगाना अदा करने के फौरन बाद घूमने फिरने की जगहों, सिनेमा हालों और पिकनिक की जगहों की तरफ रवाना हो जाते हैं … Read more

इफ़तार का बयान । Iftar Ka Bayan

Iftar Ka Bayan

जब बंदा दिन भर सब्र व ज़ब्त का मुज़ाहेरा करके रोज़ा को मुकम्मल करता है और मगरिब का वक़्त आता है तो वह हलाल चीजें जो उसके लिए रोज़ा की हालत में हराम कर दी गई थीं अब फिर से हलाल हो जाती हैं, और मौला का बंदों पर इतना एहसान होता है कि माहे … Read more

जंगे बद्र का असली सबब ।The real reason behind Jange Badr.

The real reason behind Jange Badr.

जंगे बद्र का सबबः “अम्र बिन अल हज़रमी” के कत्ल से कुफ्फारे कुरैश में फैला हुआ जबर्दस्त इशतेआल था जिस से हर काफिर की जुबान पर यही एक नारा था कि “खून का बदला खून” लेकर रहेंगे। मगर बिल्कुल नागहानी यह सूरते हाल पेश आ गई कि कुरैश का वह काफिला जिस की तलाश में … Read more

किन चीजों से रोज़ा टूट जाता है ?Kin cheejo se roza toot jaata hai ?

किन चीजों से रोज़ा टूट जाता है 20250222 153834 0000

जिन चीज़ों से रोज़ा नहीं टूटता :- मस्अलाः- भूल कर खाना खाया, पिया, जिमा किया रोजा न टूटा। ख्वाह रोज़ा फर्ज़ हो या नफिल। मस्अला : – मक्खी, धुवाँ, गुवार, हलक में जाने से रोज़ा नहीं टूटता, ख्वाह वह गुबार आटे का ही क्यों न हो जो चक्की पीसने से उड़ता है। मस्अला :- तेल, … Read more