नबी-ए-करीम सल्लल्लाहो तआला अलैहि वसल्लम ने एक मरतबा हज़रत अली रज़ियल्लाहु तआला अन्हु से इरशाद फ़रमाया : ऐ अली ! रात को रोज़ाना पाँच काम करके सोया करो।
(1) चार हज़ार दीनार सदक़ा देकर सोया करो।
(2) एक कुरआन शरीफ़ पढ़कर सोया करो।
Title 3
(3) जन्नत की क़ीमत देकर सोया करो।
(4) दो लड़ने वालों में सुलह कराकर सोया करो।
(5) एक हज करके सोया करो।
हजरत अली रज़ियल्लाहो तआला अन्हो ने अर्ज़ किया या रसूलल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम यह अम्र मुहाल है कब बन सकेंगे यानी यह अमल कैसे मुमकिन है।