कुरान :- अल्लाह तआला इरशाद फरमाता है: "तुम्हारी औरतें तुम्हारे लिये खेतियां हैं तो आओ अपनी खेतियों में जिस तरह चाहो।"
बेहतर तरीक़ा यह है कि औरत चित लेट जाए और मर्द उसके ऊपर आए। फिर उसके साथ छेड़-छाड़ और बोसो किनार करे,
फिर जब मनी गिर जाये तो कुछ देर तक औरत की गर्दन से चिम्टा रहे और ज़कर बाहर न निकाले।
जिमाअ के लिए कोई वक़्त मुकर्रर नहीं, जब चाहो दिन में या रात में इसी तरह जैसे चाहो खड़े होकर, बैठ कर, लेट कर, चित से, पट से, हर तरह तुम्हारे लिये मुबाह है लेकिन फिरती तरीक़ा तो यह ही है कि औरत नीचे और मर्द ऊपर रहे।
कुरआने पाक की इस आयत में भी इसी तरीक़े की तरफ लतीफ इशारा किया गया है।"जब मर्द ने औरत को ढाँप लिया तो उसको हल्का सा हम्ल रह गया। (कुरआने पाक)
इस तरीक़े में ज्यादा राहतो आसानी भी है। औरत को मशक्क नहीं उठानी पड़ती, नीज औरत पर थोड़ा वजन आयेगा जिसकी वजह से उसकी लज़्ज़त में इज़ाफा होगा।