नमाज़ पढ़ने के लिए ऐसी जगह होना चाहिए जो नजासत और पलीदी से पाक हो और अगर कोई ऐसी जगह हो जिस पर नजासत हो मगर वह नजासत हवा और आफताब की गर्मी (धूप) से खुश्क हो गई हो तो ऐसी जगह को साफ करके उस पर कपड़ा बिछा कर उस पर नमाज़ पढ़ी जा सकती है।