फितरते इंसानी की इन दस ख़सलतों का हर आदमी को इख़्तियार करना ज़रूरी है, इन दस ख़सलतों में से पांच का ताल्लुक सर से है और पांच बाकी सारे जिस्म से मुताल्लिक है।

अबू हुरेरा रज़ियल्लाहो अन्हो दाढ़ी को मुट्ठी में पकड़ कर मुट्टी से बाहर निकले हुए बालों के हिस्से को कतर देते थे, हजरत उमर रज़ियल्लाहो अन्हो फरमाते थे कि मुट्ठी के नीचे का हिस्सा काट दो।

इमाम अहमद रहमतुल्लाहि तआला अलैहि से इस हदीस के सही और गलत होने के मुताल्लिक मुखतलिफ रिवायात आई हैं। किसी में इस की सेहत का इनकार है और किसी में तय्युने वक़्त के लिए इस हदीस को हुज्जत करार दिया गया है।

सफेद बालों को सियाह रंग में रंगना मकरूह है, हज़रत हसन रिवायत करते हैं कि बाज लोग अपने सफेद बालों को सियाह में बदल रहे थे,

हज़रत वकी हज़रत आएशा रज़ियल्लाहो अन्हा से रिवायत करते हैं कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने मुझसे इरशाद फ़रमाया ऐ आएशा! जब तू नाखुन तराशे तो बीच की उंगली से शुरू कर फिर छंगली फिर अंगूठा,

हज़रत अनस रज़िअल्लाहु अन्हु की रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ताक मर्तबा सुरमा लगाया करते थे। उलमा का इस बारे में इख़्तिलाफ है।