तवज्जो फरमाएँ :- अपने अपने घरों में रहें, दौरे जाहिलीयत की तरह बेपर्दा न फिरें।दुपट्टे अपने गिरेबानों पर डाली रहें और गैर मर्दों को अपना सिंगार न दिखाएँ।
हाँ इन रिश्तेदारों पर छुपा सिंगार ज़ाहिर हो जाए तो हरज नहीं मसलन खाविन्द, बाप (दादा परदादा), ससुर, बेटे, भाँजे, भतीजे, बहुत ही बूढ़े और नाबालिग नौकर और नौ-उम्र लड़के।
ख़वातीन ज़रूरत के वक़्त बाहर निकलें तो चादर का एक हिस्सा अपने मुँह पर डाल लें ताकि पहचानी जाएँ कि शरीफ हैं और शरारत करने वाले छेड़ छाड़ न करें।
मुसलमान मर्दों को हुक्म दिया जाए कि वो अपनी निगाहें नीची रखें।मुसलमान औरतों को भी हुक्म दिया जाए कि वो अपनी निगाहें नीची रखें।